गुरुवार, 30 अप्रैल 2015

श्रद्धांजलि


मेरी बहन श्रीमती ज्योत्स्ना जैन को श्रद्धांजलि -

याद रहेगा बहन तुम्हारा प्यार भरा अधिकार,
उपालम्भ दो, डाँटो-घुड़को, फिर लेतीं पुचकार।
किन शब्दों में व्यक्त कर सकें, हम अपना आभार,
तुमने बरसाया था सब पर, माँ का मधुर दुलार।
किसको खोजें, कहाँ उतारें, अपने मन का भार,
परम पिता की गोद चढ़ीं तुम, छोड़ चलीं घरबार।
दूर क्षितिज में एक तारिका, हमको रही निहार,
हमें पता आशीष दे रही, बहना बारम्बार।।
याद रहेगा बहन तुम्हारा, प्यार भरा अधिकार...

सोमवार, 27 अप्रैल 2015

मृगतृष्णा

बदरा छावत देखि कै, घड़ा फोड़ खुस होय,
अच्छे दिन की आस में, बचा-खुचा भी खोय.
वादों पर बिस्वास करि, निस्चित दुर्गति होय,
पैर कुल्हाड़ी मारि कै, मिल्खा भया न कोय.


मंगलवार, 14 अप्रैल 2015



वीर जवानों ! जुटे रहो तुम, नक्सलवाद मिटाने में,
बाबा आदम की बंदूकें, सजी हुई हैं, थाने में.
अग्रिम तुम्हें बधाई! रौशन होगा नाम, ज़माने में,
कुछ ही दिन शेष तुम्हारे, अब, शहीद कहलाने में.