tag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post5284896389035445132..comments2024-02-17T14:50:04.999+05:30Comments on तिरछी नज़र : बहन की विदाई गोपेश मोहन जैसवालhttp://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-81310148215215329202020-11-26T17:53:27.714+05:302020-11-26T17:53:27.714+05:30ऐसी उदार प्रशंसा के लिए धन्यवाद मन की वीणा !
खट्ट...ऐसी उदार प्रशंसा के लिए धन्यवाद मन की वीणा ! <br />खट्टे-मीठे रिश्ते सिर्फ़ और सिर्फ़ मीठे रिश्तों से कहीं अधिक आत्मीयता से भरे हो सकते हैं. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-7315473138488561852020-11-25T22:05:39.475+05:302020-11-25T22:05:39.475+05:30आपके हर संस्मरण की तरह ही ये भी अभिनव अप्रतिम हैं ...आपके हर संस्मरण की तरह ही ये भी अभिनव अप्रतिम हैं ।<br />एक अहसास है इसमें आत्मीयता का जो अनदेखा छलक रहा है ।<br />बहुत सुंदर।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-83939638890779623112020-11-23T20:37:18.133+05:302020-11-23T20:37:18.133+05:30प्रशंसा के लिए धन्यवाद वीरेंद्र सिंह जी. इस संस्मर...प्रशंसा के लिए धन्यवाद वीरेंद्र सिंह जी. इस संस्मरण को मैंने वाक़ई अपने दिमाग से नहीं, बल्कि अपने दिल से लिखा है. <br /> गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-23706430754673326332020-11-23T17:19:45.249+05:302020-11-23T17:19:45.249+05:30हृदयस्पर्शी संस्मरण। सादर बधाई।हृदयस्पर्शी संस्मरण। सादर बधाई।Vocal Babahttps://www.blogger.com/profile/02214260420282752358noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-3004534082234979202020-11-22T07:47:58.632+05:302020-11-22T07:47:58.632+05:30प्रशंसा के लिए धन्यवाद सुधा जी !
बहन जी मुझ से 8 स...प्रशंसा के लिए धन्यवाद सुधा जी !<br />बहन जी मुझ से 8 साल भी बड़ी नहीं थी लेकिन मुझ पर दादी-नानी वाला रौब रखती थीं. किशोरावस्था तक मुझे उनकी इस दरोगाई से परेशानी होती थी लेकिन बड़े होकर उनकी डांट खाने के लिए मैं उन्हें ख़ुद ही तंग किया करता था. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-52867241078338438422020-11-21T23:44:34.034+05:302020-11-21T23:44:34.034+05:30बहुत ही भावपूर्ण हृदयस्पर्शी संस्मरण...
ऐसी बहन जो...बहुत ही भावपूर्ण हृदयस्पर्शी संस्मरण...<br />ऐसी बहन जो विदाई से पहले ही नहीं बाद में भी अपने मायके में और भाइयों पर पूर्ण अधिकार और स्नेह बनाए रखी। अक्सर शादी के बाद सब वैसा नहीं रहता। कभी मायके से तो कभी ससुराल से...।भाई बहन की नोंक-झोंक मन को गदगद कर गयी।<br />अद्भुत लेखन शैली।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-520608815070849042020-11-21T15:12:03.174+05:302020-11-21T15:12:03.174+05:30प्रशंसा के लिए धन्यवाद अलकनंदा जी.
अपनी इसी बेबाक़...प्रशंसा के लिए धन्यवाद अलकनंदा जी. <br />अपनी इसी बेबाक़ी की वजह से अपने सर पर बचे बाक़ी बाल अनुपम खेर के बालों जितने रह गए हैं. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-63610768553568282262020-11-21T14:29:08.899+05:302020-11-21T14:29:08.899+05:30नमस्कार जैसवाल जी, आज बहुत दिनों बाद रिश्तों की ...नमस्कार जैसवाल जी, आज बहुत दिनों बाद रिश्तों की इतनी सुखद नोंकझोंक पढ़ने को मिली...रोचकता आपके लेखन की बहुत बड़ी विशेषता है ...बहुत खूब Alaknanda Singhhttps://www.blogger.com/profile/15279923300617808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-36661107893124037282020-11-21T10:41:15.104+05:302020-11-21T10:41:15.104+05:30ज्योति, मेरे बचपन में बहन जी का और मेरा रिश्ता टॉम...ज्योति, मेरे बचपन में बहन जी का और मेरा रिश्ता टॉम और जेरी जैसा था. आज भी उन हल्के-फुल्के झगड़ों को और नोंक-झोंक की याद करना बड़ा अच्छा लगता है. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-34859450404377860242020-11-21T10:38:03.778+05:302020-11-21T10:38:03.778+05:30प्रशंसा के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद प्रतिभा जी. प्रशंसा के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद प्रतिभा जी. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-52949756627327466322020-11-21T10:34:32.300+05:302020-11-21T10:34:32.300+05:30गोपेश भाई, अक्सर ऐसा ही होता है। बचपन में भाई-बहन ...गोपेश भाई, अक्सर ऐसा ही होता है। बचपन में भाई-बहन लडते-झगडते है लेकिन बड़े होने पर एक-दूसरे की कमी खलती है। बहुत सुंदर संस्मरण्।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-16579732248156121542020-11-21T09:04:19.770+05:302020-11-21T09:04:19.770+05:30बहुत जीवन्त संस्मरण है .बहुत जीवन्त संस्मरण है .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-61509358070374758912020-11-20T17:16:06.892+05:302020-11-20T17:16:06.892+05:30वाकई, रौब-दाब, अधिकार, ममता और अपनत्व की साक्षात् ...वाकई, रौब-दाब, अधिकार, ममता और अपनत्व की साक्षात् मूर्ति थीं बहनजी. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-43295403826206859942020-11-20T17:14:12.172+05:302020-11-20T17:14:12.172+05:30मेरे संस्मरण की प्रशंसा के लिए धन्यवाद डॉक्टर रूपच...मेरे संस्मरण की प्रशंसा के लिए धन्यवाद डॉक्टर रूपचन्द्र शास्त्री मयंक !गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-42360919340399218542020-11-20T17:13:49.369+05:302020-11-20T17:13:49.369+05:30सुन्दर सहेजी हुई यादें। बहन जी की जगह कोई नहीं ले ...सुन्दर सहेजी हुई यादें। बहन जी की जगह कोई नहीं ले सकता है।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-67593463999727434382020-11-20T16:08:06.663+05:302020-11-20T16:08:06.663+05:30बहुत सुन्दर और मार्मिक संस्मरण।बहुत सुन्दर और मार्मिक संस्मरण।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-3766650612585409142020-11-20T14:53:33.429+05:302020-11-20T14:53:33.429+05:30मेरे संस्मरण को 'प्रारब्ध और पुरुषार्थ' (च...मेरे संस्मरण को 'प्रारब्ध और पुरुषार्थ' (चर्चा अंक - 3898० में सम्मिलित अर्ने के लिए धन्यवाद अनीता. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-19681213282111091772020-11-20T14:35:40.192+05:302020-11-20T14:35:40.192+05:30जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल...जी नमस्ते ,<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२१-११-२०२०) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow">'प्रारब्ध और पुरुषार्थ'(चर्चा अंक- ३८९८)</a> पर भी होगी।<br />आप भी सादर आमंत्रित है<br />--<br />अनीता सैनी अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.com