tag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post6311594788986561002..comments2024-02-17T14:50:04.999+05:30Comments on तिरछी नज़र : बागेश्वर प्रवास गोपेश मोहन जैसवालhttp://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-8437398389900055952016-10-17T17:25:02.836+05:302016-10-17T17:25:02.836+05:30सुशील बाबू, बागेश्वर में लिखी एकाद कविताएँ कभी और ...सुशील बाबू, बागेश्वर में लिखी एकाद कविताएँ कभी और भी पोस्ट करूँगा. अल्मोड़ा में लिखी गयी अधिकांश कविताओं से तुम परिचित हो फिर भी तुम्हारे अनुरोध का सम्मान कर उन्हें भी कभी पोस्ट करूँगा. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-69889321810743420872016-10-17T16:30:55.111+05:302016-10-17T16:30:55.111+05:30इसी तरह अल्मोड़ा में गुजारे 30 सालों की कविताएं भी ...इसी तरह अल्मोड़ा में गुजारे 30 सालों की कविताएं भी सुनाते चलिये एक एक करके। बिना डरे :)।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com