tag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post8357260755106535553..comments2024-02-17T14:50:04.999+05:30Comments on तिरछी नज़र : दिल ही तो है गोपेश मोहन जैसवालhttp://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-58363044375446152552016-09-09T13:35:47.149+05:302016-09-09T13:35:47.149+05:30यशोदाजी, 'पांच लिंकों का आनंद' से स्थायी र...यशोदाजी, 'पांच लिंकों का आनंद' से स्थायी रूप से जुड़ने में मुझे बहुत खुशी होगी. मेरे मित्र प्रोफ़ेसर सुशील जोशी मुझसे हमेशा कहते रहे है कि तमाम ब्लॉग से जुड़ो. अब उनकी नेक सलाह की कीमत समझ में आ रही है. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-3879052077850051202016-09-09T11:47:22.278+05:302016-09-09T11:47:22.278+05:30तैय्यारी रखिए..
(यानि कि खैर मनाइए)
आप जल्द ही पाँ...तैय्यारी रखिए..<br />(यानि कि खैर मनाइए)<br />आप जल्द ही पाँच लिंके का आनन्द मे भी आने वाले है<br />सादरyashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-56196214076001891092016-09-04T10:37:09.278+05:302016-09-04T10:37:09.278+05:30बहुत अच्छा किया आपने ब्लाग बुलेटिन के पेज पर जाकर ...बहुत अच्छा किया आपने ब्लाग बुलेटिन के पेज पर जाकर टिप्पणी देकर । इसी तरह ब्लागों पर आते जाते रहिये । अपनी उपस्थिति दर्ज कराइये । लोग भी आना जाना शुरु करेंगे । जो ब्लाग आपको अच्छा लगे । उसका अनुसरण करिये।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-36630951888043656162016-09-04T09:03:03.020+05:302016-09-04T09:03:03.020+05:30जिस दिन हम-आप खुद को दूध का धुला मान लेंगे, हमको-आ...जिस दिन हम-आप खुद को दूध का धुला मान लेंगे, हमको-आपको, दूसरों के कृत्यों पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं रहेगा. वैसे हमारे-आपके अवगुणों की गिनती की नौबत तो तभी आएगी जब हम-आप सेलेब्रिटी बन जाएंगे वरना कोई हमारे पाप-पुण्य का हिसाब रखने की तकलीफ़ क्यूँ उठाएगा? गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-57604887192421047822016-09-04T07:25:55.012+05:302016-09-04T07:25:55.012+05:30अरे वाह! आपने तो सबका कच्चा चिट्ठा खोल दिया! वैसे ...अरे वाह! आपने तो सबका कच्चा चिट्ठा खोल दिया! वैसे दूसरी ओर यह भी सच्चाई है कि दूसरों के अवगुण गिनाने से स्वयं के अवगुण गिनती से बाहर नहीं हो जाते! <br />एक संतुलित आलेख - एक संवेदनशील विषय पर!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-75008822621110845842016-09-03T20:58:31.679+05:302016-09-03T20:58:31.679+05:30http://bulletinofblog.blogspot.in/2016/09/blog-pos...http://bulletinofblog.blogspot.in/2016/09/blog-post_3.html<br />पर भी तो जाइये :)सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-23028820797334391192016-09-03T20:58:05.573+05:302016-09-03T20:58:05.573+05:30मुझे पढ़ने वाले किसी सुशील कुमार जोशी के अलावा कम ह...मुझे पढ़ने वाले किसी सुशील कुमार जोशी के अलावा कम ही लोग होते हैं. 'ब्लॉग बुलेटिन' मेरी पोस्ट को अपने बुलेटिन में शामिल करे और मैं आभार न प्रकट करूँ , ऐसा कभी नहीं हो सकता. <br />हमारे जन-नायक मिटटी और कीचड़ में नहाते तो रोज़ हैं लेकिन कमल खिलाने के बजाय गुल खिलाते हैं. और जब ये गुल जग-ज़ाहिर हो जाते हैं तो कुछ दिन हंगामा खड़ा हो जाता है पर बाद में फिर किसी नए गुल खिलाने की तैयारी शुरू हो जाती है. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-87801415137646447702016-09-03T20:51:00.392+05:302016-09-03T20:51:00.392+05:30'ब्लॉग बुलेटिन' की बुलेटिन 'प्रेम से प...'ब्लॉग बुलेटिन' की बुलेटिन 'प्रेम से पूर्वाग्रह तक' में मेरी पोस्ट को सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद. आपके माध्यम से मेरी रचना अधिक पाठकों तक पहुँच सकेगी. आभार. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8575841685823174322.post-4680593805113166712016-09-03T20:28:09.821+05:302016-09-03T20:28:09.821+05:30ब्लाग बुलेटिन पर जा कर आभार तो दे कर आइये जनाब :) ...ब्लाग बुलेटिन पर जा कर आभार तो दे कर आइये जनाब :) <br /><br />बहुत सुन्दर <br /><br />मिट्टी में नहाना <br />बहुत जरूरी होता है <br />एक कमल खिलाने <br />के लिये पहले <br />कीचड़ को धोना <br />और बोना ही होता है । जय हो ।<br />सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com