जब भी रुकती है मेरी कार, किसी गाँव के बीच ,
मुझको गाँधी के ख़यालों पे, हंसी आती है ।
न यहाँ बार, न होटल, न सिनेमा कोई,
इसमें इन्सान को रहने में , शरम आती है ।।
मुल्क की रूह, बसा करती है, इन गाँवों में ,
सिर्फ़ दीवानों को ये बात, समझ आती है ।
यूँ इलैक्शन में चला जाता हूं, मजबूरी में,
गाँव में याद तो, पेरिस की गली आती है ।।
n bijli hai n pani hai , hamare gaon pali ki aisi hi kahani hai ,bahoot koob
जवाब देंहटाएं़़़
जवाब देंहटाएंअच्छी है !
आपके गाँव में कार तो आती है
यहाँ वो हैलीकौप्टर से आती है
वो भी बस जब कोई आपदा आती है !