'संस्कारों के अभाव में युवा अजीबोगरीब फ़ैशन करने लगे हैं और घुटनों पर फटी
जींस पहनकर अपने आप को बड़े बाप का बेटा समझने लगे हैं.
ऐसे फ़ैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं'
तीरथ सिंह रावत (मुख्यमंत्री उत्तराखंड)
राष्ट्र के युवाओं के नाम धर्म-संस्कृति-सभ्यता रक्षक श्री तीरथ सिंह रावत का
संदेश -
पश्चिम की कर के नक़ल
ख़ुद को ना भटकायं
धर्म-संस्कृति-सभ्यता
अपनी ही अपनायंं
फटी जींस को पहन कर
संस्कार मिट जायं
बेशर्मी करनी अगर
राजनीति में आयं
'बहुत ख़ूब' के लिए धन्यवाद मित्र !
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा है आपने आदरणीय,परंतु ऐसे फैशन की मानसिकता वाले,बात को समझने के बजाय बाल में खाल निकाल आपको ही दोष देने लगते है, फिर नासमझ से कहां तक तर्क कुतर्क किया जाय, आपकी संदेशपूर्ण पंक्तियों को नमन है ।
जवाब देंहटाएंजिज्ञासा, फटी जींस पहनने वाली युवा-पीढ़ी मुझे भी प्रभावित नहीं करती लेकिन मुझेकिसी के व्यक्तिगत मामले में टांग अड़ाने का कोई हक़ नहीं है.
हटाएं24 साल की उम्र में जनवरी, 1975 में मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी में लेक्चरर के रूप में अपना कैरियर शुरू किया था. उन दिनों धर्म-संस्कृति के ठेकेदारों ने लड़के-लड़कियों के आपस में बातचीत करने पर रोक लगा दी थी. लड़कियों से बात करने के अपराध में मेरे एक मेधावी छात्र की इतनी पिटाई हुई कि वो बेचारा यूनिवर्सिटी छोड़ कर ही चला गया. मेरे विभागाध्यक्ष ने मुझे भी क्लास के बाहर लड़कियों से बात न करने की सलाह देते हुए कहा था -
'बर्खुरदार ! अभी तुम लड़के ही लगते हो. लड़कियों से बात करते देख कर ये गुंडे तुम्हारी भी पिटाई कर सकते हैं.'
मुझे तो लगता है कि तीरथ सिंह रावत उन्हीं धर्म-संस्कृति रक्षकों की सन्तान हैं.
जी,आपकी बात बिलकुल सत्य है, मैं सहमत हूं,आपको मेरा सादर अभिवादन ।
जवाब देंहटाएंजिज्ञसा, मेरे विचार से हर जागरूक व्यक्ति हमारी-तुम्हारी इस राय से सहमत होगा.
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