कौम के गम में डिनर खाते हैं हुक्काम के साथ
रंज लीडर को बहुत हैं मगर आराम के साथ
अकबर इलाहाबादी
उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा आयोग की वेब साइट पर अकबर इलाहाबादी का नाम बदल कर अकबर प्रयागराजी हुआ -
राष्ट्र के हित में बदल जाता है शायर का नाम
उसकी पहचान का हो जाए भले काम तमाम
यही वचन कहकर जीना..मरना नहीं,
जवाब देंहटाएंहर करम सहते रहेंगे ऐ वतन तेरे लिए...👏👏
जिज्ञासा, अब इस नई चुटकी पर टिप्पणी करो. पुरानी वाली हटा दी है.
हटाएंवश नहीं 😀👏
हटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(३१-१२ -२०२१) को
'मत कहो अंतिम महीना'( चर्चा अंक-४२९५) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
'मत कहो अंतिम महीना' (चर्चा अंक - 4295) में मेरी व्यंग्य रचना को सम्मिलित करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद अनीता.
हटाएंसही बात! नाम में क्या रखा है!!! 🙏
जवाब देंहटाएंदोस्त, इस पाखण्ड पर कोई काव्यात्मक टिप्पणी करो.
हटाएंमेरी बात से सहमत होने के लिए धन्यवाद ओंकार जी.
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