सोमवार, 30 दिसंबर 2019

तेरे दर पर आया हूँ

आने वाला साल, न अबके जैसा हो, हे प्रभु,
रहे सदा गुलज़ार, अमन का बाग़, हे प्रभु,
नफ़रत की ना चले बयार, हमारे आँगन हे प्रभु ,
गंगा-जमुनी मौज बहे, हर दिल में, हे प्रभु !

10 टिप्‍पणियां:

  1. ऐसा ही हो!
    नव वर्ष मंगलमय हो!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. प्रभु हमारी-आपकी प्रार्थना सुन ले, कविता जी.
      आप सबको नव-वर्ष की मंगलमय शुभकामनाएँ !

      हटाएं
  2. आपकी शुभेच्छाओं जैसा ही मंगलमय हो नववर्ष ।
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँँ ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मीना जी,
      समवेत स्वरों में हमारी यह प्रार्थना ईश्वर तक न सिर्फ पहुंचेगी बल्कि क़ुबूल भी होगी.
      नव-वर्ष आप सबको भी मंगलमय हो !

      हटाएं
  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (31-12-2019) को    "भारत की जयकार"     (चर्चा अंक-3566)  पर भी होगी।--
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. 'भारत की जयकार' (चर्चा अंक - 3566) में मेरी प्रार्थना को सम्मिलित करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद डॉक्टर रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'.

      हटाएं
  4. शुभकामनाएं। नये साल की प्रभु जी। खुश रहो।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. प्रभु जी आप को भी खुश रक्खें और आपकी कलम के ज़रिए हमारी खुशियों को बढ़ाते रहने की व्यवस्था करते रहें.

      हटाएं
  5. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं, गोपेश भाई।

    जवाब देंहटाएं
  6. शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद ज्योति जी.
    ईश्वर करे कि नव-वर्ष आप सब के लिए मंगलमय हो.

    जवाब देंहटाएं