एंड डाटर्स -
मेरी छोटी बेटी रागिनी ने आमिर खान का 'गुरदीप सिंह एंड डाटर्स' वाला वीडियो पोस्ट किया है और साथ में एक रोचक प्रसंग का उल्लेख भी किया है.
मेरा एक शोध छात्र था. इंग्लिश में उसका हाथ ज़बर्दस्त तरीक़े से तंग था पर वह इस म्लेच्छ भाषा का अभिनव प्रयोग अवश्य करता था. उसने मुझे नव-वर्ष की शुभकामनाओं वाला एक कार्ड भेजा. उसमें लिखा था -
'मिस्टर एंड मिसेज़ जैसवाल सर एंड संस'
मैंने भोलेपन से पूछा -
'बालक, तुझे पता है कि हमारी तो बस दो बेटियां हैं फिर तूने ये 'एंड संस' क्यों लिखा है?'
बालक ने जवाब दिया -
'गुरु जी आपने दुकानों पर देखा होगा - 'रामप्रसाद एंड संस' ,या 'काशीनाथ एंड संस'. बस मैंने भी वैसा ही लिख दिया है.'
हमारे घर में इस प्रसंग को चुटकुले के रूप में सुनाया जाता है.
पर रागिनी ने इस वीडियो को भेजकर यह आशा जताई है कि अब दुकानों या कार्ड्स पर 'एंड डाटर्स' अंकित करने में किसी को परेशानी नहीं होगी.
मेरी बेटियां, गीतिका और रागिनी दोनों मेरी सिर्फ़ सलाहकार ही नहीं हैं बल्कि मेरे सारे तकनीकी कामों में मेरी गुरु हैं. मेरे ब्लॉग को सम्हालना, मेरी पोस्ट पर फोटो डालना, इन्टरनेट पर उपलब्ध कोई जानकारी खोजना, हर प्रकार की ऑन लाइन बुकिंग आदि सारे दुष्कर कार्य मेरी बेटियां ही सम्हालती हैं. हमारी यूरोप यात्रा में भी वो दोनों हमारी एब्सेंटी गाइड की सफल भूमिका निभाती रहीं.
एक मज़ेदार बात बताऊँ -
नुझे मेट्रो के एस्कलेटर्स पर चढ़ना भी मेरी दोनों बेटियों ने सिखाया है.
आज मेरा वह अंग्रेज़ीदां शोध-छात्र अंतर्ध्यान हो गया है पर अब अगर वह कभी मुझे नव-वर्ष की बधाई का कार्ड देगा तो मैं उस से यह लिखने को कहूँगा -
'गीतिका, रागिनी एंड देयर पेरेंट्स.' .
मेरी छोटी बेटी रागिनी ने आमिर खान का 'गुरदीप सिंह एंड डाटर्स' वाला वीडियो पोस्ट किया है और साथ में एक रोचक प्रसंग का उल्लेख भी किया है.
मेरा एक शोध छात्र था. इंग्लिश में उसका हाथ ज़बर्दस्त तरीक़े से तंग था पर वह इस म्लेच्छ भाषा का अभिनव प्रयोग अवश्य करता था. उसने मुझे नव-वर्ष की शुभकामनाओं वाला एक कार्ड भेजा. उसमें लिखा था -
'मिस्टर एंड मिसेज़ जैसवाल सर एंड संस'
मैंने भोलेपन से पूछा -
'बालक, तुझे पता है कि हमारी तो बस दो बेटियां हैं फिर तूने ये 'एंड संस' क्यों लिखा है?'
बालक ने जवाब दिया -
'गुरु जी आपने दुकानों पर देखा होगा - 'रामप्रसाद एंड संस' ,या 'काशीनाथ एंड संस'. बस मैंने भी वैसा ही लिख दिया है.'
हमारे घर में इस प्रसंग को चुटकुले के रूप में सुनाया जाता है.
पर रागिनी ने इस वीडियो को भेजकर यह आशा जताई है कि अब दुकानों या कार्ड्स पर 'एंड डाटर्स' अंकित करने में किसी को परेशानी नहीं होगी.
मेरी बेटियां, गीतिका और रागिनी दोनों मेरी सिर्फ़ सलाहकार ही नहीं हैं बल्कि मेरे सारे तकनीकी कामों में मेरी गुरु हैं. मेरे ब्लॉग को सम्हालना, मेरी पोस्ट पर फोटो डालना, इन्टरनेट पर उपलब्ध कोई जानकारी खोजना, हर प्रकार की ऑन लाइन बुकिंग आदि सारे दुष्कर कार्य मेरी बेटियां ही सम्हालती हैं. हमारी यूरोप यात्रा में भी वो दोनों हमारी एब्सेंटी गाइड की सफल भूमिका निभाती रहीं.
एक मज़ेदार बात बताऊँ -
नुझे मेट्रो के एस्कलेटर्स पर चढ़ना भी मेरी दोनों बेटियों ने सिखाया है.
आज मेरा वह अंग्रेज़ीदां शोध-छात्र अंतर्ध्यान हो गया है पर अब अगर वह कभी मुझे नव-वर्ष की बधाई का कार्ड देगा तो मैं उस से यह लिखने को कहूँगा -
'गीतिका, रागिनी एंड देयर पेरेंट्स.' .
बेटियों के लिये ढेरों शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सुशील बाबू.
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा | बहुत समय बाद लेखन और ब्लॉग जगत में अपनी उपस्थिति दे रहा हूँ |मेरी ब्लॉग पोस्ट पर आपकी टिप्पणी और सुझाव का अभिलाषी हूँ |
जवाब देंहटाएंप्रशंसा के लिए धन्यवाद मानव मेहता 'मन'. आपने अपने ब्लॉग के डिटेल्स तो दिए ही नहीं, उस तक पहुंचूंगा कैसे? मैं तो ऐसा पाठक हूँ जो बिना मांगे सुझाव देता है और बेरहमी से आलोचना भी करता है. आप की रचनाओं से जुड़कर मुझे खुशी होगी.
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद संजय भास्कर जी.
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