हंगामा है क्यूँ बरपा -
आदरणीय शम्मी कपूर ने फ़िल्म राजकुमार' में साधनाजी से कहा था -
'इस रंग बदलती दुनिया में इन्सान की नीयत ठीक नहीं,
निकला न करो तुम सजधज कर, ईमान की नीयत ठीक नहीं.'
आदरणीय शम्मी कपूर ने फ़िल्म राजकुमार' में साधनाजी से कहा था -
'इस रंग बदलती दुनिया में इन्सान की नीयत ठीक नहीं,
निकला न करो तुम सजधज कर, ईमान की नीयत ठीक नहीं.'
और
श्री अजय देवगन ने फ़िल्म 'मेजर
साहब' में सोनाली बेंद्रे जी को सावधान
करते हुए कहा था-
'अकेली न बाज़ार जाया करो,
नज़र लग जाएगी.'
तब कोई हंगामा नहीं हुआ था, किसी को उनकी टिप्पणी पर आपत्ति नहीं हुई थी पर आज हमारे सुसंस्कृत, शालीन और संस्कारी केन्द्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्माजी विदेशी पर्यटक महिलाओं को कुछ ऐसी ही सलाह दे रहे हैं तो लोग हंगामा खड़ा कर रहे हैं.
महेश शर्माजी भी तो अजय देवगनजी की ही बात को दोहरा रहे हैं. कहा भी गया है--
'सावधानी हटी और दुर्घटना घटी'
और यहाँ लोग इस वक्तव्य के कारण मंत्रीजी को ही हटाने पर तुले हुए हैं.
'अकेली न बाज़ार जाया करो,
नज़र लग जाएगी.'
तब कोई हंगामा नहीं हुआ था, किसी को उनकी टिप्पणी पर आपत्ति नहीं हुई थी पर आज हमारे सुसंस्कृत, शालीन और संस्कारी केन्द्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्माजी विदेशी पर्यटक महिलाओं को कुछ ऐसी ही सलाह दे रहे हैं तो लोग हंगामा खड़ा कर रहे हैं.
महेश शर्माजी भी तो अजय देवगनजी की ही बात को दोहरा रहे हैं. कहा भी गया है--
'सावधानी हटी और दुर्घटना घटी'
और यहाँ लोग इस वक्तव्य के कारण मंत्रीजी को ही हटाने पर तुले हुए हैं.
महेश
शर्माजी विदेशी बालाओं को अगर सलाह देते हैं कि वो भारत में स्कर्ट पहनकर न घूमें
तो इसमें क्या बुराई है? अगर
वो ऊपर-नीचे पूरे कपड़े पहनेगीं तो वो डेंगू और चिकुनगुनिया जैसे रोगों से भी तो
बची रहेंगी. महेश शर्माजी खुद डॉक्टर हैं, उन्होंने
इन रोगों से बचाव रखने के लिए ही विदेशी मेहमानों को यह सलाह दी होगी पर नासमझ लोग
इसका फ़साना बनाने पर तुले पड़े हैं.
अब
देखिए राष्ट्रभक्तों की हाफ़ पैंट को भी तो फ़ुलपैंट में बदला गया है.
शर्माजी
ने विदेशी सुंदरियों को अगर यह सलाह दी है कि -
'वो भारतीय पुरुषों से हाथ न मिलाएं क्यूंकि हमारे यहाँ इसका कुछ और अर्थ निकाला जाता है.'
अब इस बुज़ुर्गाना सलाह पर तो कोई सरफिरा ही आपत्ति कर सकता है. हमारे यहाँ देवियों के चरण छुए जाते हैं. मायावतीजी के सब चरण छूते हैं, कोई उनसे हाथ नहीं मिला सकता.
और फिर हाथ मिलाने का मतलब होता है कि जिस से आपने हाथ मिलाया है, आप उसकी पार्टी में शामिल हो गए. अगर हमारे मंत्रीजी विदेशी पर्यटकों को भारतीय राजनीति के पचड़े में पड़ने से रोकना चाहते हैं तो इसमें बुरा क्या है?
'वो भारतीय पुरुषों से हाथ न मिलाएं क्यूंकि हमारे यहाँ इसका कुछ और अर्थ निकाला जाता है.'
अब इस बुज़ुर्गाना सलाह पर तो कोई सरफिरा ही आपत्ति कर सकता है. हमारे यहाँ देवियों के चरण छुए जाते हैं. मायावतीजी के सब चरण छूते हैं, कोई उनसे हाथ नहीं मिला सकता.
और फिर हाथ मिलाने का मतलब होता है कि जिस से आपने हाथ मिलाया है, आप उसकी पार्टी में शामिल हो गए. अगर हमारे मंत्रीजी विदेशी पर्यटकों को भारतीय राजनीति के पचड़े में पड़ने से रोकना चाहते हैं तो इसमें बुरा क्या है?
हमारी
(अ)भूतपूर्व मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानीजी पर शिक्षा का कबाड़ा करने का मिथ्या
आरोप लगाया जाता है और हमारे महेश शर्माजी पर भारतीय संस्कृति की मट्टी पलीत करने
का. किन्तु ऐसे आरोप लगाने वाले शिक्षा और संस्कृति के मर्म को समझते ही नहीं.
मैं महेश शर्माजी के विचारों का पूर्ण समर्थन करता हूँ. उनके वक्तव्य के फलस्वरूप भले ही विदेशी बालाएं भारत में आना बंद कर दें पर यह तो सोचिए इस से कितना लाभ होगा?
हमारी अपनी बहू-बेटियों की इज्ज़त बढ़ जाएगी, हमारे किशोर, हमारे युवा, अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे सकेंगे.
वैसे चलते-चलते मैं यह भी बता दूँ कि मैं ग्रेटर नॉएडा में रहता हूँ. महेश शर्माजी हमारे क्षेत्र से ही सांसद हैं और हमारे सांसद के खिलाफ किसी ने कुछ भी कहा तो ---'
मैं महेश शर्माजी के विचारों का पूर्ण समर्थन करता हूँ. उनके वक्तव्य के फलस्वरूप भले ही विदेशी बालाएं भारत में आना बंद कर दें पर यह तो सोचिए इस से कितना लाभ होगा?
हमारी अपनी बहू-बेटियों की इज्ज़त बढ़ जाएगी, हमारे किशोर, हमारे युवा, अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे सकेंगे.
वैसे चलते-चलते मैं यह भी बता दूँ कि मैं ग्रेटर नॉएडा में रहता हूँ. महेश शर्माजी हमारे क्षेत्र से ही सांसद हैं और हमारे सांसद के खिलाफ किसी ने कुछ भी कहा तो ---'
और छोटी तारीफ़ नहीं हो सकती थी?
जवाब देंहटाएंवाह..
जवाब देंहटाएंऔर हमारे सांसद के खिलाफ किसी ने कुछ भी कहा तो ---'
और अगर किसी ने कह दिया तो...
शाबाशी तो मिलेगी न
सादर
यशोदाजी, अपने सांसद के खिलाफ़ बोलने पर हमको उसके गुर्गों की गोली और पीड़ित जनता की शाबाशी दोनों ही मिल सकती हैं. अब दोनों में से क्या पहले और क्या बाद में होगा, ये तो मुक़द्दर की बात है.
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