नया खुदा -
मुझे कुर्सी पे बिठला कर, करम जो तूने फ़रमाया,
मुझे अब क्या गरज़, सर पर रहे, अल्लाह का साया.
मुझे कुर्सी पे बिठला कर, करम जो तूने फ़रमाया,
मुझे अब क्या गरज़, सर पर रहे, अल्लाह का साया.
मिस्ड कॉल -
मेरे ज़मीर ने मुझको, बहुत आवाज़ तो दी थी,
मैं ईमां बेचने की हाट में, वो सुन नहीं पाया.
To Let
सियासत की चला बन्दूक, तू, रख, मेरे काँधे पर,
किराए पर, मेरा तू, दीन, फिर ईमान भी लेना.
मेरे ज़मीर ने मुझको, बहुत आवाज़ तो दी थी,
मैं ईमां बेचने की हाट में, वो सुन नहीं पाया.
To Let
सियासत की चला बन्दूक, तू, रख, मेरे काँधे पर,
किराए पर, मेरा तू, दीन, फिर ईमान भी लेना.
वाह ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सुशील बाबू.
हटाएंबहुत सुंदर लगा आज की कविता को पढना
जवाब देंहटाएंधन्यवाद संजय भास्कर जी
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