मंगलवार, 20 अगस्त 2013

अनर्थ नीति



अवमूल्यन सुख साधन लाय ,
नाक भले थोड़ी कट जाय ।
डॉलर, पॉण्ड, उधारी खाय ,
घर का स्वर्ण किन्तु बिक जाय ।।

आत्म समर्पण मात्र उपाय ,
औंधे गिरो, साख बढ़ जाय ।
एक अचम्भा देखो आय ,
प्रगति रसातल को ले जाय ।।