मेरी बहन श्रीमती ज्योत्स्ना जैन को श्रद्धांजलि -
याद रहेगा बहन तुम्हारा प्यार भरा अधिकार,
उपालम्भ दो, डाँटो-घुड़को, फिर लेतीं पुचकार।
किन शब्दों में व्यक्त कर सकें, हम अपना आभार,
तुमने बरसाया था सब पर, माँ का मधुर दुलार।
किसको खोजें, कहाँ उतारें, अपने मन का भार,
परम पिता की गोद चढ़ीं तुम, छोड़ चलीं घरबार।
दूर क्षितिज में एक तारिका, हमको रही निहार,
हमें पता आशीष दे रही, बहना बारम्बार।।
याद रहेगा बहन तुम्हारा, प्यार भरा अधिकार...