मंगलवार, 21 सितंबर 2021

सर ए० ओ० ह्यूम का विलाप

 सर ए० ओ० ह्यूम का विलाप –

(सूरदास के पद – ‘तुम पै कौन दुहाबै गैया’ की तर्ज़ पर)

कांग्रेस की डूबत नैया
मात-सपूत जबर जोड़ी जब जाकी बनी खिवैया
दल के नेता संकेतन पै नाचैं ताता थैया
प्रतिभा-भंजक युवा-बिरोधी घर-घर फूट पडैया
आतम बानी बेद-बचन सम और न कछु सुनवैया
लोकमान्य गांधी नेहरु की संचित पुण्य मिटैया
ह्यूमदास प्रभु किरपा कीजो तुमहिं मुक्ति दिलवैया
नोट: ऐसा विलाप किसी भी राजनीतिक दल का संस्थापक कर सकता है. बस, हमको राजनीतिक दल के संस्थापक का नाम, राजनीतिक दल का नाम और उसे संचालित करने वाली जुगल-जोड़ी के नाम बदलने होंगे

19 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 22सितंबर 2021 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
    !

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    1. 'पांच लिंकों का आनंद' में मेरी काव्य-रचना को सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद पम्मी सिंह जी.

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    1. 'हां हां हां !' के लिए धन्यवाद संगीता स्वरुप (गीत) जी.

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  3. 'तुम पै कौन दुहाबै गैया' (चर्चा अंक - 4195) में मेरी काव्य-रचना को सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद डॉक्टर रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' !

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  4. वर्तमान स्थिति पर बहुत ही सटीक लेखन।

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  5. धन्यवाद ज्योति !
    हम, तुम या कोई भी, इन चिकने घड़ों के बारे में कुछ भी कहे, कुछ भी लिखे, इन पर रत्ती भर भी असर नहीं होता.

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    1. मेरी गुस्ताखी के उदार आकलन के लिए धन्यवाद कविता जी.

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    1. प्रशंसा के लिए धन्यवाद सुनीता अग्रवाल 'नेह' जी.

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  8. प्रशंसा के लिए धन्यवाद कुसुम जी.
    अगर आप सुधी पाठकों का स्नेह बना रहे और हमारे नेताओं की मक्कारियां, छल-कपट भी आबाद रहे तो मेरी लेखनी ऐसी खुराफ़ातें करती रहेगी.

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  9. अब तक एओ हुयूम चार जन्म लेकर निहाल हो चुके होंगेमारक व्यंग्य के साथ रोचक पद 👌👌👌👌🙏🙏🙏🌷🌷

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    1. रेणु, ए० ओ० ह्यूम चाहे चार जन्म लें या फिर चार सौ बार!
      पिज़्ज़ा मम्मी और पप्पू भैया की हुकूमत रहते तो वो कांग्रेस का पुनरोद्धार नहीं देख पाएंगे.

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