शनिवार, 25 सितंबर 2021

संगीत-नृत्य प्रेमी आसावरी

10 फ़रवरी, 2020 को जन्मी हमारी नातिन आसावरी उर्फ़ सारा आज साढ़े उन्नीस महीने की हुई हैं.
जन्म लेते ही तो नहीं, लेकिन 3-4 महीने की उम्र से ही उनका संगीत प्रेम हम सबको चकित कर रहा है.
उनका पहला पसंदीदा गाना येसु दास का गाया हुआ फिल्म 'सदमा' का -
'सुरमई अंखियों से, नन्हा-मुन्ना इक सपना दे जा रे’ था.
इस गाने को जब तक वो दो-तीन बार सुन नहीं लेती थीं उन्हें नींद ही नहीं आती थी.
येसु दास के अलावा उन्हें यह गाना अपनी नानी की आवाज़ में सुनना भी बहुत पसंद था.
एक और लोरी – ‘
नन्ही कली, सोने चली, हवा धीरे आना ---‘
भी उन्हें बहुत पसंद थी.
अब कुछ बड़ी होने पर आसावरी जी को नृत्य-संगीत की जुगलबंदी वाले ऐसे गाने बहुत पसंद आ रहे हैं जिनको सुन कर वो उन पर थिरक सकें.
‘उर्वशी, उर्वशी, टेक इट इज़ी उर्वशी –’
पर वो नॉन-स्टॉप डांस करती हैं.
और
‘इक हो गए हम और तुम, तो उड़ गयी नींदे रे’
को वो पहले ध्यान से सुनती हैं लेकिन वो थिरकना तभी शुरू करती हैं जब फिज़ां में – ‘हम्मा, हम्मा, हम्मा’ गूंजने लगता है.
आजकल वीडियो चैट पर वो अपनी नानी से –
‘नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए ----’ गाए जाने की फ़रमाइश भी करती हैं.
इन दिनों मन्ना डे का गाया हुआ फ़िल्म ‘तीसरी क़सम’ का भोजपुरी लोकगीत –
‘चलत मुसाफ़िर मोह लिया रे, पिंजड़े वाली मुनिया’
उन्हें बहुत पसंद आ रहा है.
आजकल उनके घर की खिड़की पर एक बंदर आ जाता है.
उनकी मम्मी रागिनी जी गाने की एक अधूरी लाइन गाती हैं -
' मेरे सामने वाली खिड़की पे --'
आसावरी जी उस लाइन को पूरा करती हैं -
'एक मोटा मंकी रहता है'
हम सब इंतज़ार में हैं कि आगे चल कर कौन-कौन से गाने उनकी पसंद में आने वाले हैं.
अब तो आसावरी जी इन गानों के बोलों को अपने हिसाब से दोहराने भी लगी हैं.

12 टिप्‍पणियां:

  1. वाह !! बच्चों का नटखठ स्वभाव जीवन को इन्द्रधनुषी बना.देता है ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मीना जी, बच्चे तो मनोरंजन का पिटारा होते हैं.

      हटाएं
  2. बच्चों की ये छोटी छोटी शरारते ही तो जिंदगी को हसीन बनाती है।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. ज्योति, इस कोरोना-संकट काल में बच्चों से मुलाकातें तो हो नहीं पा रही हैं.अब तो उनकी बातें ही हमारा दिल ख़ुश करती हैं.

      हटाएं
  3. बहुत बढ़िया, रोचक बात 👍नानी ने आसावरी को वो सारे गाने सुनाए,जो मैने भी अपने बच्चों को सुनाया है😀🙏

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जिज्ञासा, माँ और नानी-दादी का अगर संगीत में दख़ल हो तो सिर्फ़ बच्चों को ही नहीं, बल्कि समस्त परिवार को आता आता है.
      तुम बच्चों को संगीत के संस्कार दे रही हो. क्या पता तुम्हारे घर में कोई लता मंगेशकर या फिर कोई रविशंकर बनने की तैयारी में हो.

      हटाएं
  4. होनहार बिरवान के होत चिकने पात --- नहीं सारा को ढेरों प्यार और आशीर्वाद। वो अपनी जन्जात कला में पारंगत हो खूब यश बटोरे यही कामना है।

    जवाब देंहटाएं
  5. ये गाने हमने भी बचपन में रेडियो पर खूब सुने हैं q😀😀😀🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. रेणु,
      हमारे एक नाती और दो नातिनें हैं.
      इन तीनों ने हम मियां-बीबी का बचपन लौटा दिया है.
      हमारे घर में ज़्यादातर इनकी ही बातें होती हैं.
      और आसावरी उर्फ़ सारा तो मनोरंजन का पिटारा हैं.

      हटाएं
  6. जी, बहुत अच्छा लगा आपके तीनों नौंनिहालो के बारे मे जानकर। आप दोनो अपने बचपन में यूं ही खोए मस्त रहें यही कामना करती हूं। तीनों बच्चों के लिए हार्दिक स्नेह।

    जवाब देंहटाएं