शनिवार, 4 जून 2022

भारत-दुर्दशा

 दीन-धरम अमृत तजें पिएं बैर की भंग

मरजादा धर ताक पे रोज करें हुड़दंग
मन्दिर-मस्जिद नाम पे छेड़ें निस-दिन जंग
भक्ति-इबादत पर चढ्यो पाप को कारो रंग

8 टिप्‍पणियां:

  1. कल्कि अवतार ले लिए हैं परेशान मत हो वो

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    1. कल्कि का नहीं बल्कि अब तो किसी ग्यारहवें अवतार का ही भरोसा है.

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    1. जिज्ञासा, सही तो भारतेंदु ने कहा था. मैंने तो उन्हीं की बात को अपने शब्दों में दोहराया है.

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  3. पाप को कारो रँग ...
    हमाम में लगता है सब काले हैं ... और रँग भी किसी पे नहीं चढ़ता ...

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    1. दिगंबर नासवा जी, पाप को कारो रंग - सत्ता का होता है, कुर्सी का होता है. इस पर फिर किसी दूजे का रंग नहीं चढ़ता.
      रहीम ने तो बिना बात कारी कामरी के सर ऐसा दोष मढ़ा है.

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